Chittorgarh fort Rajasthan, INDIA
Chittorgarh fort Rajasthan
चित्तौड़गढ़ किला भारत के सबसे ऐतिहासिक किलों में से एक है।
और यह किला क्षेत्रफल की दृष्टि से भी भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है।
यह किला उदयपुर से लगभग 120 km दूरी पर स्थित है।
वैसे तो इस किले का इतिहास काफी पुराना है, जो आप ऊपर दर्शाए गए चित्र में पढ़ सकते है।
परन्तु यह किला सबसे ज्यादा जाना जाता है, पद्मिनी और कर्णावती जैसी रानियों के शौर्य से।
इस किले पर कई विदेशी आक्रांताओं ने कई बार हमले किये।
इसी किले में तीन बार जौहर हुए जो दुनिया के सबसे बड़े जौहर थे।
जब हमारी सेनाएँ हार या युद्ध में समाप्त हो जाती थी, तब विदेशी आक्रांताओ से स्वयं को बचाने के लिए राज्य की सभी स्त्रियां जौहर किया करती थी।
यह खुदके स्वाभिमान और आन बान की रक्षा करने वाली पौराणिक प्रक्रिया थी।
इस किले में आज भी रानी पद्मिनी, राणा रतन सिंह, और राणा कुम्भा के महल स्तिथ है।
चित्तौड़गढ़ किले पर आप अपनी खुद की कार या बाइक लेजा सकते है, और लगभग पूरा किला अपने खुदके वाहन द्वारा घूम सकते है।
अगर आप यहाँ जा रहे है, तो शाम को वापस लौटते वक़्त म्यूजियम देखना बिलकुल न भूले।
और अगर आप इस क़िले की पूरी हिस्ट्री देखने और सुनने में दिलचस्पी रखते है,
तो वहां एक लाइट और साउंड शो भी हर शाम आयोजित होता है।
Chittorgarh fort Rajasthan
विजय स्तम्भ, किले में एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है, प्राचीन तकनीक का एक अद्भुत नमूना।
इसके अलावा इस किले के बारे में खास बात यह है, की चित्तौड़गढ़ ही पहले मेवाड़ की राजधानी हुआ करता था।
और महाराणा प्रताप का बचपन और युवावस्था भी इसी किले में बीती थी।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो सभी के साथ शेयर जरूर करें।
और आपकी कोई भी राय या सवाल निचे कमेंट में जरूर लिखें।
धन्यवाद्।
Read this also: KumbhalGarh
Watch our videos on YouTube: YouTube Channel